(श्री साई सच्चरित्र)
हम समस्त प्राणियों में ईशवर का ही दर्शन करें और नामस्मरण की रसानुभूति करते हुए उनके मोहविनाशक चरणों की अनन्य भाव से सेवा करते रहें I यही हमारी आकांक्षा है I
May our desire to serve him be abundant. Let our devotion be exclusively at his feet. May we see God in all beings and ever love his name.
(Clause 8 Adhaya 37, Sai Sachitra Dr R,N,Kakriya)