Friday, August 12, 2011

Sai Teachings

"जो अपने कर्मो के फल की इच्छा को त्याग देता है और जो संकल्प त्याग देता है, जो गुरु के ध्यान में एकाग्र हो करके अनन्य भाव से समर्पण करता है, वह सदगुरु की पूर्ण सुरक्षा का सुख भोगता है" I     
He who discards the fruits of action and expectations with the help of full concentration of mind and surrenders to a Guru wholeheartedly, then the Guru accept him.  
(Clause 47 Adhaya 17, Sai Sachitra Dr R,N,Kakriya)
ॐ साईं राम 

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ