Friday, August 5, 2011

Sai Teachings

अपने शारीर को रथ मान लो और अपनी बुद्धि को सारथी मान लो और स्वयं स्वस्थचित्त स्वामी बनकर इस रथ में बैठ जाओ I   In the Chariot of one's own body, make your intellect the charioteer and be the master yourself. Then you can sit at ease.  
(Clause 30 Adhaya 17, Sai Sachitra Dr R,N,Kakriya)
ॐ साईं राम    

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ