अपने शारीर को रथ मान लो और अपनी बुद्धि को सारथी मान लो और स्वयं स्वस्थचित्त स्वामी बनकर इस रथ में बैठ जाओ I In the Chariot of one's own body, make your intellect the charioteer and be the master yourself. Then you can sit at ease.
(Clause 30 Adhaya 17, Sai Sachitra Dr R,N,Kakriya)
ॐ साईं राम