Saturday, August 27, 2011

Sai Sandesh

"जिसका मन पूर्ण रूप से संतान, पशुओं और धन उपाजर्न आदि में लगा हो, उसे ब्रह्म- ज्ञान कैसे मिल सकता है, जब तक द्रव्य- व्यवधान (धन की रुकावट) दूर नहीं होती"    
He whose mind is attached to his family and possessions (sons, farm, animals etc.) how can he achieve Brahman till constant awareness of his wealth is not abandoned.  
ॐ साईं राम 

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ