Friday, August 19, 2011

ॐ साईं राम

"यह अनमोल मानव शरीर (काया) का दुरूपयोग किया जा रहा है I धन के प्रति लोभ, दोपहर की छाया के समान शीघ्र लुप्त होने वाली है I ईशवर की धोखा देने वाली माया पर विजय प्राप्त कर पाना कठिन है I यह जान लो और संतो के चरणों में जाकर उनकी शरण लो" I 
How the precious body is wasted! Wealth and pleasures are like the afternoon shadows, short lived. Understand that this a powerful illusion created by God and surrender at the feet of the Saints.  
(Clause 40 Adhaya 17, Sai Sachitra Dr R,N,Kakriya)
ॐ साईं राम 

श्री साई सच्चरित्र



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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ