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श्री साईं-कथा आराधना (भाग - 19 )
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श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए
श्री साईं की चावड़ी भी अद्भुत अति सुंदर
लगता है साईं विश्राम कर रहे हैं अब भी अंदर
गुरूवार के दिन यहां पे रंगोली है सजती
हरषाये मन से सबकी आँखे उसे तकती
स्वर्ग से भी सुन्दर दृश्य यहाँ पे सजता
साईं मानों हर रूप में सबके कष्ट हरता
ढोल-मंजीरे सब वाद्य भी बजते
और भक्त लोग झूम-झूम साईं आरती करते
बाबा की सारी लीलाएं तब सजीव हो जातीं
जब फूलों की बरखा यहां है होती
मस्जिद से चलकर जब आती है पालकी
शिव भोले की हो मानो विवाह की झांकी
श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए
साईं में शिव और शिव में हैं साईं
यही लीला साईंनाथ ने भी दिखाई
शिव-साईं की महिमा तो है बड़ी न्यारी
भोले में बसी साईं की छवि है प्यारी
मंदिर परिसर में भी साईं ने बनाया शिव मंदिर
साईं में शिव की झलक दिखाता यही मंदिर
शिव का जो भी भक्त यहां दर्शन करता
वो ॐ साईं, ॐ साईं, मुह से कहता
सब कर्मों की गति से वह तुरंत छूट जाता
जो शनि प्रतिमा के आगे दीपक जलाता
इस मंदिर के दर्शन जो एक बार कर गया
वो साईं-भक्त साईं का प्यार पा गया
श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए........