Sunday, October 7, 2012

श्री साईं-कथा

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श्री साईं-कथा आराधना (भाग-16)
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श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए

साईं तो हैं इस पूरे ब्रह्मांड के नायक
दुःख हरते सब तरह से बनते सहायक
मां बायजा का ऋण साईं ने ऐसे चुकाया
तांत्या का जीवन मौत के हाथों बचाया
तांत्या बच गया और साईं चले गए
देखते ही देखते समाधिस्थ हो गए
जिसने भी सुना वो स्तब्ध रह गया
एक पल में शिर्डी मे मातम ठहर गया
देह छोड़ने से पहले बाबा ने लक्ष्मी से था कहा
तेरी भक्ति को याद रखेगा ये सारा जहां
बाबा ने उसे भक्ति के नौ रूप थे दिए
नौ सिक्कों के रूप में भक्ति के नए अर्थ दे दिए

श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए

बाबा के देह त्यागने की जब खबर फैल गई
शिर्डी में चारों ओर से भीड़ जमा हो गई
शिर्डी के नर-नारी मस्ज़िद की ओर दौड़ पड़े
कुछ रोने लगे और कुछ बेसुध होकर गिर पड़े
अब बाबा की अंतिम क्रिया की बहस चल पड़ी
साईं हिंदू थे या मुसलमान, चर्चा ये चल पड़ी
कुछ यवन बाबा को दफनाने को कहने लगे
कुछ बाबा को बूटीवाडे़ में रखने की फरियाद करने लगे
आखिर में सबने बूटीवाडे़ में रखने का फैंसला किया
इसके लिए उसका बीच का भाग खोदा गया
बाबा बूटीवाडे़ को सार्थक कर गए
मुरलीधर की जगह साईं खुद मुरलीधर ही बन गए

श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए......

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