Thursday, October 11, 2012

Sai Aardas

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अपने साईं से एक अरदास
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हे साईं बाबा,
रहमते खुदाया
चरणों में वंदन कर लो कबूल,

संगी-साथी, अपने पराए,
कोई भी मेरे काम न आए
जो कुछ भी पाया,
तुमसे है पाया
भेंट हमारी कर लो कबूल ।

दर-दर भटके, आस के मारे
प्यासों को तुमने अमृत पिलाया,
शिर्डी को तुमने तीर्थ बनाया
श्रद्धा-सबुरी का मंत्र सिखाया,
भक्ति हमारी कर लो कबूल ।

ज्योति तुम्हारे नाम की बाबा,
घर-घर में अजियारा लाई
धूनी जलाकर रोग मिटाए,
पाप उस अग्नि में सबके जलाये
तन-मन की सेवा कर लो कबूल।

हे साईं बाबा,
रहमते खुदाया
चरणों में वंदन कर लो कबूल ॥

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_/|\_.......ॐ साईं राम.......*.......ॐ साईं राम......._/|\_
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श्री साई सच्चरित्र



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