साईं पूर्ण अंतर्ज्ञानी हैं और वे सब पहले से ही जानते हैं I जैसे भी साधन भक्त के लिए उपयुक्त होता है, वे उसे वैसा ही नियम बताते हैं I
He was intuitive and at the outset itself he knew everybody in their entirely. He decided on the right means of teaching and the right kind of discipline in accordance with the capability.