Monday, October 17, 2011

ॐ साईं राम जी,

"साईं  जी  करू  सेवा  तुम्हारी,
सिर्फ  यही  है  चाहिए,
या  चरण  धूलि  आपकी  मिले,
या  दम  तुम्हारे दर पर  टूट  जाये"
साईं तू ही कृपा निधान है |

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ