Sunday, October 9, 2011

ॐ साईं राम,


ॐ साईं राम,
"मुक्ति बंधन का संकेत करती है I केवल जहाँ बंधन होगा, वहीँ मुक्ति होगी I दोनों अवस्थाओं से दूर रहकर अपने शुद्ध असलियत (आत्मा) में ही निवास करो" I
Where there is liberty there is bondage  and bondage is accompanied by liberty. Ignoring both these conditions, you should live in the purest spirit within you. 
साईं जी की कृपा हम सब पर बनी रहे |

श्री साई सच्चरित्र



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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ