ॐ साईं राम,
"मुक्ति बंधन का संकेत करती है I केवल जहाँ बंधन होगा, वहीँ मुक्ति होगी I दोनों अवस्थाओं से दूर रहकर अपने शुद्ध असलियत (आत्मा) में ही निवास करो" I
Where there is liberty there is bondage and bondage is accompanied by liberty. Ignoring both these conditions, you should live in the purest spirit within you.
साईं जी की कृपा हम सब पर बनी रहे |