Friday, October 21, 2011

साईं संदेश

"एकान्त का जितना  लाभ उठा सको उठाओ I पक्की तौर से जान लो कि यह संसार नि:सार और व्यर्थ है I निरंतर अध्ययन और आत्मचिंतन में व्यस्त रहो" I      
Securing as much solitude as one can, and bearing in mind that the worldly existence is ephemeral,
One should always be engaged in studying and understanding the meaning of the Atman
 

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ