Friday, February 1, 2013

shirdi sai baba teachings

ज्ञानी-अज्ञानी जो भी बाबा के चरणों में शरण लेता था, बाबा उन सभी से अत्यंत प्रेम करते थे I उन्हें वे अपने से भी अधिक समीप समझते थे और उनमे जरा भी भेद नहीं करते थे I 
He had immense love for the wise, the ignorant and all the dependents. He treated all of them dearer than life. There was not even a bit of differentiation.

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ