ज्ञानी-अज्ञानी जो भी बाबा के चरणों में शरण लेता था, बाबा उन सभी से अत्यंत प्रेम करते थे I उन्हें वे अपने से भी अधिक समीप समझते थे और उनमे जरा भी भेद नहीं करते थे I
He had immense love for the wise, the ignorant and all the dependents. He treated all of them dearer than life. There was not even a bit of differentiation.