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ॐ साईं श्री साईं ॐ श्री साईं
निर्बल और गरीब के, मालिक साईं नाथ |
सबका मालिक एक है, भज ले दीनानाथ ||
श्री साईं कृपा सदैव हम सब पर बनी रहे
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अनंत कोटि ब्रह्माण्ड नायक राजाधिराज योगिराज परब्रह्म श्री सचिदानंद समस्त सद्गुरु श्री साईं नाथ महाराज की जय !
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साईं वचन - मेरे भक्तों में दया कूट-कूटकर भरी रहती है, दूसरों पर दया करने का अर्थ है मुझे प्रेम करना चाहिए, मेरी भक्ति करना|
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