Saturday, June 16, 2012

Sandesh



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जो नर दुःख में हर भजे सो बड़भागी होए |
ऐसे जन की संगत से पापकर्म दो खोए || 
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त्वमेव माता च पिता त्वमेव |
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव |
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव |
त्वमेव सर्व मम देवदेव ||
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ॐ साईं श्री साईं ॐ श्री साईं
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अनंत कोटि ब्रह्माण्ड नायक राजाधिराज योगिराज परब्रह्म श्री सचिदानंद समस्त सद्गुरु श्री साईं नाथ महाराज की जय !
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ॐ ऐं हीं श्रीं श्नैश्चराय नमः ||
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श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ