Tuesday, May 25, 2010

श्री साईं सच्चरित्र संदेश

जीवात्मा और परमात्मा का एक ही होने का बोध ही तत्व ज्ञान है I उपनिषद उसे ब्रह्म ज्ञान कहते है I परमात्मा की उपासना और सेवा भी वही हैं I भक्तो के भगवान कहने का भी यही अर्थ है I
(CI 64 Adhaya 08 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria)

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ