Saturday, May 29, 2010

श्री साईं सच्चरित्र संदेश

जिस प्रकार चमकती हुई बिजली क्षण मे ही दिखाई देना बन्द हो जाती है,या सागर पर तरंगे कुछ क्षण के लिए ही प्रकट होती है; उसी तरह शरीर से सबंधित सुख भी क्षण भंगुर है I इस पर भी कुछ विचार करो ?
(CI 36 Adhaya 08 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria)

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ