Wednesday, May 19, 2010

श्री साईं सच्चरित्र संदेश

संतो का ह्रदय मोम से भी नरम तथा अन्तब्राह्मा मक्खन जैसा कोमल होता है I भक्तो के प्रति उनका प्रेम निस्वार्थ होता है; क्योकि केवल भक्तो को ही वे अपना सगा - सबंधी समझते हैं !
(CI 110 Adhaya 07 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria)

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ