हमारा मन स्वभावत: ही चंचल है; पर हमें उसे लम्पट नहीं होने देना चाहिए I इन्द्रियां भले ही चंचल हो जाएँ; लेकिन शरीर को अशान्त नहीं होने देना चाहिए I
The mind is wavering by nature, but do not let it be unrestrained. Even if the senses are agitated do not let the body be impatient.