ॐ साईं राम
ऐसी आत्मा जो सत्त्व, रज और तम, त्रिगुणों से परे हो जाती है - वही ह्रदय में निवास करने वाले को प्रकाशित करती है I
Throbbing of reality which goes beyond the three aspects - satva, rajas and tamas, is really the form of the One embedded in the heart.