Saturday, March 30, 2013

om sai ram

ॐ साईं राम 
ऐसी आत्मा जो सत्त्व, रज और तम, त्रिगुणों से परे हो जाती है - वही ह्रदय में निवास करने वाले को प्रकाशित करती है I 
Throbbing of reality which goes beyond the three aspects - satva, rajas and tamas, is really the form of the One embedded in the heart.

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ