स्थिति चाहे अच्छी हो या बुरी, देह कभी भी कर्मो से मुक्त नहीं होता I इसलिए प्रीतिपूर्वक अपने मन को गुरु चरणों की और ले जाओ I
Whatever be the condition, good or bad, the body must do its duties as destined. But introvert your senses towards the Guru's feet with all the love.