Monday, December 24, 2012

Guru's feet

स्थिति चाहे अच्छी हो या बुरी, देह कभी भी कर्मो से मुक्त नहीं होता I इसलिए प्रीतिपूर्वक अपने मन को गुरु चरणों की और ले जाओ I 
Whatever be the condition, good or bad, the body must do its duties as destined. But introvert your senses towards the Guru's feet with all the love.

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ