ॐ साईं राम
"सबसे पहले व्यक्ति को सभी इच्छाओं से मुक्त होना चाहिए और फिर अनन्य भाव से सदगुरु की शरण में जाकर पूर्ण समर्पण करना चाहिए I जो ऐसी द्र्णश्रद्धा सपन्न है, केवल वही आत्मविज्ञानं को प्राप्त करने का पात्र है" I Initially one should be completely desireless. Then one should surrender totally to a Guru. In this way, he who develops firm and full faith deserves the knowledge of the Atman.
Shirdi Sai
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Monday, November 7, 2011
सदगुरु की शरण
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !
श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !