Monday, November 7, 2011

सदगुरु की शरण


ॐ साईं राम  
"सबसे पहले व्यक्ति को सभी इच्छाओं से मुक्त होना चाहिए और फिर अनन्य भाव से सदगुरु की शरण में जाकर पूर्ण समर्पण करना चाहिए I जो ऐसी द्र्णश्रद्धा सपन्न है, केवल वही आत्मविज्ञानं को प्राप्त करने का पात्र है" I    
Initially one should be completely desireless. Then one should surrender totally to a Guru. In this way, he who develops firm and full faith deserves the knowledge of the Atman.    

 

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ