Monday, September 12, 2011

साईं मुख वचन

साईं मुख वचन-
"चक्की के केंद्र मे जो ज्ञानरूपी दंड है, उसी को कस कर पकड़ लो, जिस प्रकार तुम मुझे करते देखते हो ! सिर्फ केंद्र की  ओर  अग्रसर होते जाओ और तब यह निश्चित है की तुम इस भवसागर रुपी चक्की से अवश्य बचोगे"
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श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ