Saturday, July 16, 2011

साईं मुख वचन

"आसक्ति का भ्रम और धन की तृष्णा दुःख का एक भवर है, जिसमे अहंकार व मोह रूपी मगरमछो का वास है, इस भवर से तुमको श्री भगवन नाम ही पार उतार सकता है"

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ