Thursday, July 14, 2011

साईं मुख वचन

"कर्म-पथ अति रहस्यपूर्ण है , यद्यपि मैं कुछ भी नहीं करता फिर भी लोग मुझे ही कार्यो के लिय दोषी ठहराते हैं परन्तु मैं तो एक दर्शक मात्र ही हूँ"

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ