राम नाम की महिमा
राम नाम जहाँ तक हो सके निष्काम भाव से लेना चाहिए। मन में किसी प्रकार के संसारी लाभ या प्राप्ति का विचार नहीं आना चाहिए तब राम नाम पूर्ण फल देता है,पूर्व जन्मों के पाप तथा उल्टे संस्कार धुल जाते हैं, साधक की चित शुद्धि हो जाती है। ऐसे पवित्र हृदय में भगवान के लिए अच्छी भक्ति उत्पन्न हो जाती है,जहाँ शुद्ध प्रेम तथा भक्ति है वहाँ राम है ही।