हे साईं अब आप अद्रश्यमूर्ति हैं, लेकिन अगर आप में आस्था और भक्ति रखी जाए तो समाधि में आपका भाव जाग्रत हो जाता है I भक्तों को आज भी इसका अनुभव होता है I
Hey Sai though your corporal form is invisible to us at present, yet if there is faith and devotion, the devotees get living experiences. The spirit in the samadhi is awakened and becomes instantaneously visible.