एक बार तुम अनन्य भाव से उनके चरणों में समर्पण कर दोगे तो गुरु ही नहीं, अपितु ईशवर भी द्रवित हो जाएंगे I गुरु पूजा कि ऐसी महिमा है, जिसका अनुभव गुरु भक्तों को स्वयं करना चाहिए I
"The devotees of the Guru experience, on resorting to his feet with full faith, that not only Guru but Parabrahma is moved. Such is the marvel of Guru Puja! "
Shirdi Sai
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Monday, August 30, 2010
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
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