सुख के बाद दुःख आता है और कष्टों के बाद सुख की अनुभूति होती है लेकिन मनुष्य सदा सुखों का ही स्वागत करता है और कष्टों से दूर भागता हैं I
"Happiness is followed by unhappiness; and unhappiness follows happiness. One welcomes happiness, while one turns away from unhappiness."
Shirdi Sai
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Tuesday, August 10, 2010
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
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