सत्संग द्वारा देहिक बुध्दी, अहंकार और जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति हो जाती है I सत्संग तुरंत ही संसार के बन्धनो को काटकर ईशवर प्राप्ति मे सहायता करता है I
"Because of Satsang bodily attachment is destroyed. It is Satsang that break the cycle of birth and death. It is Satsang that gains the treasure of supreme energy and separates one from the worldly ties immediately."
Shirdi Sai
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Tuesday, August 17, 2010
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
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