Wednesday, August 25, 2010

संदेश

जब तुम दूसरों के लिये जीना सीख्न लेते हो, वे तुम्हारे लिये जीएंगे। जब तुम केवल अपने लिये जीते हो,

कोई भी आपमें रुचि नही लेता है। तुम दूसरों को अपने अच्छे कार्यों द्वारा आकर्षित कर सकते हो।

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ