वह धन्य है जो नित्य-अनित्य में विवेक द्वारा भेद कर लेता है, लोक व परलोक में फल भोगने की इच्छा को त्याग देता है, और शम, दम आदि छ: नियमो का पालन करते हुए अंत में मोक्ष प्राप्त कर लेता है I
He is blessed who tries to attain salvation after distinguishing what is eternal or destructible, after foregoing the fruits of worldly or spiritual actions, and after accomplishing control over the mind, the senses and all the other six controls.