करन करावनहारा तू, भक्तों का आधारा तू |हमारा सबका प्यारा तू, साईं अपरम्पारा तू ||
साईं शक्ति विराट है, अजब अनोखे रूप,जाती पाती या धरम का, नहीं रहा कोई रूप,
प्राणी सभी समान है, सब में तेरा रूप,
सबको सब वंदन करें,पावें साईं रूप
ॐ शिरडी वासाय विधमहे सच्चिदानन्दाय धीमही तन्नो साईं प्रचोदयात ॥
साईं वचन - "जब तक किसी से कोई पूर्व नाता या सम्बन्ध न हो , तब तक कोई भी किसी के समीप नहीं जाता"