Monday, May 21, 2012


करन करावनहारा तू, भक्तों का आधारा तू |हमारा सबका प्यारा तू, साईं अपरम्पारा तू ||
साईं शक्ति विराट है, अजब अनोखे रूप,जाती पाती या धरम का, नहीं रहा कोई रूप,
प्राणी सभी समान है, सब में तेरा रूप,
सबको सब वंदन करें,पावें साईं रूप 

ॐ शिरडी वासाय विधमहे सच्चिदानन्दाय धीमही तन्नो साईं प्रचोदयात ॥
साईं वचन - "जब तक किसी से कोई पूर्व नाता या सम्बन्ध न हो , तब तक कोई भी किसी के समीप नहीं जाता"

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ