*श्री दातात्रेय वंदना*
जै जै अवधूत पिता शरण तेरी हम आए l
माया के प्रपंच से हम को ल्यों बचाए ll
जै जै साईं दातात्रेय जै त्रिभुवन के नाथ l
जगहितकारण अवतरे कीन्हो हमें सनाथ ll
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