१--प्रतिपदा तुथी में भगवती जगदम्बा की गोघृत से पूजा होनी चाहिये! अर्थात षोडशोपचार से पूजन करके नैवेद्य के रूप में उन्हें गाय का घृत अर्पण करना चाहिये एवं फिर ब्राह्मण को दे देना चाहिये! इस से मनुष्य कभी रोगी नहीं होता!
२--द्वितीया तिथि को पूजन करके भगवती जगदम्बा को चीनी का भोग लगावे और ब्राह्मण को दे दे!
३-- तृतीया के दिन भगवती की पूजा में दूध की प्रधानता होनी चाहिये एवं पूजन के उपरान्त वह दूध ब्राह्मण को देना उच्चित है! यह सम्पूर्ण दुखों से मुक्त होने का एक परम साधन है!
४--चतुर्थी के दिन मालपूआ का नैवेद्य अर्पण किया जाय और फिर वह योग्य ब्राह्मण को दे दिया जाय! इस अपूर्व दानमात्र से ही किसी प्रकार के विघ्न सामने नहीं आ सकते!
५--पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती को केला भोग लगाये और वह प्रसाद ब्राह्मण को दे दे; ऐसा करने से पुरुष की बुद्धि का विकास होता है!
६-- षष्ठी तिथि दिन देवी के पूजन में मधु का महत्त्व बताया गया है! वह मधु ब्राह्मण अपने उपयोग में लें! इसके प्रभाव से साधक सुन्दर होता है!
७--सप्तमी तिथि के दिन भगवती की पूजा में गुड का नैवेद्य अर्पण करके ब्राह्मण को देना चाहिये! ऐसा करने से पुरुष शोकमुक्त हो सकता है!
८--अष्टमी तिथि के दिन भगवती को नारियल का भोग लगाना चाहिये! फिर नैवेद्य रूप वह नारियल ब्राह्मण को दे देना चाहिये! इसके फलस्वरुप उस पुरुष के पास किसी प्रकार के संताप नहीं आ सकता!
९--नवमी तिथि के दिन व्हागावती को धान का लावा अर्पण करके ब्राह्मण को देना चाहिये! इस दान के प्रभाव से पुरुष इस लोक और परलोक में भी सुखी रह सकता है!
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