जय जय माँ गायत्री !
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गायत्री वेदजननी गायत्री पापनाशिनी!
गायत्र्या: परमं नास्ति दिवी चेह च पावनम!!
गायत्री समस्त वेदों की जननी है, गायत्री पापनाशिनी है, गायत्री से बढकर इस लोक तथा परलोकमें पवित्र और दूसरा नहीं है!!
ॐ भूर्भुव: स्व : तत्सवितुर्वरेण्यं, भर्गो देवस्य धीमहि! धियो यो न: प्रचोदयात! ॐ जातवेदसे सुनवाम सोममराती यतो निदहाति वेद:! स न: पर्षदतिदुर्गाणि विश्वानावेव सिंधु दुरितात्यग्नि:!
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्धनम! उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात !!