Saturday, October 30, 2010

SANDESH

हमेशा अपने चेहरे पर मुसकराहट बनाये रखे भले ही हमें ऐसा प्रयत्न पूर्वक् करना पडे़। हम इसे कैसे भी शुरु करें।आप उस गुण को अपने अन्दर मान ले जो आप में नही है।यदि कोई अच्छी आदत है जिसे आप विकसित करना चाहते हैं,ऐसी क्रिया कीजिये जैसे वह गुण आपके अन्दर है। धीरे-धीरे यह वास्तविकता हो जायेगी ।यहां तक कि यदि आपको मुसकराना पसन्द नही है फिर भी किसी तरह से मुसकरायें और आप स्वत: ही आनन्दित महसूस करेंगे।

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ