Thursday, April 29, 2010

श्री साईं सच्चरित्र संदेश

जब "सदगुरु" शब्द ह्रदय के तारों को झंकारता है तो तुरंत साईं की स्मृति हो जाती है I यथार्थ मे वे ही तुम्हारे सामने आकर खड़े हो जाते हैं और अपना बरद-हस्त तुम्हरे ह्रदय पर रखते हैंI

(CI 2 Adhaya 06 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria )

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ