साईं समस्त प्राणियों को समान दृष्टी से देखते थे I उन्हें "मैं" और "मेरा" से कोई मोह नहीं था I वे सभी प्राणियों से प्रेम करते और उनमे भागवत दर्शन का अनुभव करते थे I
(CI 89 Adhaya 08 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria)
Shirdi Sai
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Tuesday, June 15, 2010
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
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