Saturday, June 5, 2010

श्री साईं सच्चरित्र संदेश

संत जो यथार्थ मे ईशवर के अवतार होते है, जो बन्धनो व इच्छाओ से मुक्त होते है, वे संसार के उत्थान के लिए बिना किसी स्वार्थ के प्रकट होते है I
(CI 62 Adhaya 5 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria )

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ