संत के सानिन्ध्य का महत्त्व अति महान है उससे अहंकार पूर्णत: नष्ट हो जाता है I कोई अन्य साधन सत्संग के समान प्रभावपूर्ण नहीं है I
"Such is the greatness of the Satsang that it completely destroy bodily pride or ego. Therefore there is no other means than Satsang."
Shirdi Sai
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Sunday, July 25, 2010
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
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