ईशवर निराकार हैं I वे शिरडी मे साईं रूप मे प्रकट हुए I उन्हें जानने के लिये सर्वप्रथम अहंकार समस्त इच्छाएँ, क्रोध, घ्रणा और कामुक विचारों का नष्ट होना आवश्यक हैं I उन्हें तो केवल प्रेम और भक्ति के द्वारा ही जाना जा सकता है I
"So be it, Because of the devotion of the devotees, the nirakar (that... which is without form) has manifested in Shirdi in the form of Sai. He who has abandoned bodily ego and who has no passions understand him through devotion."
Shirdi Sai
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Saturday, July 10, 2010
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
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