साईं महाराज ही परमानंद और परम शांति के आधार हैं I मैं शुद्ध और अहंकारहित चित्त से और भक्ति भाव के साथ उन्हें प्रणाम करता हूँ I
"Sai Maharaj is the treasure of peace. He is the adobe of pure and heavenly bliss. I prostrate myself to him, who is without ego and who is unsullied (undefiled)."
Shirdi Sai
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Thursday, July 15, 2010
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !
श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
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