साईं समस्त प्राणियों मे ब्रह्म या स्वयं ईशवर का दर्शन किया करते थे; मित्र और शत्रु को एक नज़र से देख, उनमे भेदभाव नहीं करते थे I
"He who look at everything and at all creatures as Brahman itself, who looks upon friends and foes with equality and who does not discriminate the least,"
Shirdi Sai
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Wednesday, July 7, 2010
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
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