यह मेरा वेशिष्ट्ये है की जो भक्त मेरी शरण आकर एकचित्त होकर मेरी पूजा करते है और मन मे श्रद्धा भाव से मेरी सेवा करते है, में सदेव उनकी रक्षा करता हूँ और उनके कल्याणार्थ में सदेव चिंतित रहता हूँ I
(CI 34 Adhaya 06 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria )
आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !
आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !