जिस प्रकार चमकती हुई बिजली क्षण मे ही दिखाई देना बन्द हो जाती है,या सागर पर तरंगे कुछ क्षण के लिए ही प्रकट होती है; उसी तरह शरीर से सबंधित सुख भी क्षण भंगुर है I इस पर भी कुछ विचार करो ?
(CI 36 Adhaya 08 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria)
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