वैद, शास्त्रों, श्रुतियो, और स्मृतियों के पठन पाठन से सत्य और असत्य मे भेदभाव की विवेकशक्ति जाग्रत होगी और अनुभव होगा की गुरु के शब्द ही वेदांत हैं I ऐसा होने पर परमानन्द की प्राप्ति स्वत: ही हो जाएगी I
(CI 32 Adhaya 06 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria )
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