ॐ साईं राम,
"अगर पूर्ण विशवास भरे दिल से तुम संतो के श्री मुख से बहने वाली सुधा सरिता में गोता लगाओगे तो तुम्हारा अंतब्राह्म दोनों शुद्ध हो जाएँगे, क्योंकि ऐसे करने से हर प्रकार की अशुद्धता धुल जाएगी" I
When one takes a dip with full faith in the river of the nectar of the words of Saints, one is purified both inwardly and outwardly and all the impurities are washed away.