Shirdi Sai
Pages
Sunday, November 30, 2014
Saturday, November 29, 2014
Friday, November 28, 2014
Thursday, November 27, 2014
Wednesday, November 26, 2014
Monday, November 24, 2014
Sunday, November 23, 2014
Thursday, November 20, 2014
Wednesday, November 19, 2014
Monday, November 17, 2014
Sunday, November 16, 2014
Saturday, November 15, 2014
Sri Krishna
Whatever a great man does, that, others follow; whatever he sets up as the standard, that, the world follows.
-Lord Sri Krishna 3.21
Friday, November 14, 2014
Sri Krishna
Behold, O Partha, by hundreds and thousands, My different forms celestial, varied in colors and shapes.
-Lord Sri Krishna 11.5
Thursday, November 13, 2014
Wednesday, November 12, 2014
Sri Krishna
The fruit of good action, they say, is Sattvic and pure; verily the fruit of Rajas is pain and ignorance is the fruit of Tamas.
Tuesday, November 11, 2014
Monday, November 10, 2014
Sunday, November 9, 2014
Saturday, November 8, 2014
Friday, November 7, 2014
Thursday, November 6, 2014
राम नाम की महिमा
राम नाम की महिमा
शास्त्रों में दस नाम अपराध बताए हैं। राम नाम का अभ्यास करते हुए हर किसी को इन अपराधों से बचना चाहिए।
१.राम नाम की शक्ति का दुरुपयोग करना।
२.अपने गुरु के बारे में मजाक में बात करना।
३.भक्तों तथा संतों की निंदा करना।
४.यह सोचना कि राम नाम की महिमा बढ़ा चढ़ा कर बताई गई है।
५.वेद , रामायण, श्रीमदभागवत तथा भागवत गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को साधारण पुस्तकों को जान कर व्यवहार में लाना।
६.राम नाम को दूसरी साधनाओं के बराबर जानना।
७. नास्तिक जीवों के साथ राम नाम की महिमा के बारे में विवाद करना।
८.भगवान के भिन्न भिन्न नामों की शक्ति को अधिक या कम समझना।
९.भगवान के रूप और भगवान के नाम में भेद करना ।
१०.इन्द्रियों के मौजमजे के लिए अधिक धन खर्च करना।
इन दस अपराधों में से १. और २. मुख्य अपराध है इसलिए किसी भी हालत में यह अपराध नहीं होने चाहिए।
Wednesday, November 5, 2014
Tuesday, November 4, 2014
Monday, November 3, 2014
राम नाम की महिमा
राम नाम की महिमा
राम नाम जहाँ तक हो सके निष्काम भाव से लेना चाहिए। मन में किसी प्रकार के संसारी लाभ या प्राप्ति का विचार नहीं आना चाहिए तब राम नाम पूर्ण फल देता है,पूर्व जन्मों के पाप तथा उल्टे संस्कार धुल जाते हैं, साधक की चित शुद्धि हो जाती है। ऐसे पवित्र हृदय में भगवान के लिए अच्छी भक्ति उत्पन्न हो जाती है,जहाँ शुद्ध प्रेम तथा भक्ति है वहाँ राम है ही।
Sunday, November 2, 2014
Trust in God
Trust in God is all about trusting the almighty. You need to trust God since we are all God’s creations. God is omnipotent, omniscient and omnipresent. Trust in God gives you a lot of strength and belief in whatever you do. You feel you have the support of God in every Endeavour that you engage yourself in. everything happens for your own good. So, expect the best to happen and you will always be content and satisfied.
Saturday, November 1, 2014
Subscribe to:
Posts (Atom)
श्री साई सच्चरित्र
श्री साई सच्चरित्र
आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !
श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1
आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !