Monday, October 21, 2013

श्री वेद व्यास


ज्ञानियों के लिये !!
-----------------------
श्री वेद व्यास भगवान की जय हो!!
*****************************
वेदांत-दर्शन के प्रणेता व्यास जी के मत में--- अन्त:करण की शुद्धि के साधक कर्म को ही " धर्म " कहते हैं! धर्मानुष्ठान से उच्छ्रंखाला कर्म पर नितंत्रण स्थापित होता है! वासनाएं मर्यादित होती हैं! वेद-वचन पर श्रद्धा होती है! कर्तव्याकर्ता की मीमासा से विवेक-शक्ति बढ़ती है! देहातिरिक्त आत्मा की ओर ध्यान जाता है! धर्म के द्वारा आराध्य दैवी शक्तियों का ज्ञान होता है! धर्म के न्यूनाधिक्य के अनुसार पितृलोक, देवलोक, ब्रह्मलोक आदि का विचार होता है! फलदाता ईश्वर है-- इसपर विश्वास होता है! धर्म का निष्काम अनुष्ठान करने पर निष्कामता की प्रतिष्ठा होती है! वस्तुत: अंत:करण का जागरूक रहकर निष्काम होना ही उसकी ' शुद्धि' है! शुद्धि से वैराग्य और जागरूकता से विवेक का उदय होता है!!

Sunday, October 20, 2013

प्रार्थना


ॐ तत्त सत !!
सब का दिन मंगलमय हो!
सबके मनोरथ पूर्ण हो! 
सबका मन गुरु चरण में लगा रहे !
सबके हृदय में ईश्वर सदा वास करे !
सबका मन सनातन धर्म पालन में लगे!
एक ॐकार सदाशिव जी की जय हो! 

Friday, October 18, 2013

श्री सरस्वती वन्दना


श्री सरस्वती वन्दना 

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या विना वरद दण्ड मण्डितकरा या श्वेतपद्मासना !
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मान पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा !!
जो कुंद फूल, चन्द्रमा बर्फ और हार के समान श्वेत हैं, जो शुभ्र वस्त्र पहनती हैं, जिनके हाथ उत्तम वीना से सुशोभित हैं, जो श्वेत कलासन पर बैठती हैं, ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देव जिनकी सदा स्तुति करते हैं और जो सब प्रकार की जड़ता हर लेती हैं, वे भगवती सरस्वती मेरा पालन करे!!
और पढ़ें 

मंत्र संग्रह (Mantra in Hindi)

om sai ram


श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


आओ मिलकर पढ़ें और साथ जुड़ें !

Sai Aartian साईं आरतीयाँ